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श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान

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॥ श्रीगणेशाय नमः॥ श्रीजानकीवल्लभो विजयते श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान                                                                 (बालकाण्ड) श्लोक वर्णनमार्थसंघानां रसानां छंदसामपि। मडलानां च कर्तारा वन्दे वाणीविनायकौ॥ 1॥ भव़नाशंकरौ वन्दे श्रद्ध़ऽवश्व़सरूऽपणौ। भवानीशड्डरी वन्दे _ श्रद्धाविश्वासरूपिणो।  याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाः स्वान्तःस्थमी श्वरम्‌॥ २॥  य वन्दे बोधमयं नित्यं गुरु शद्भूररूपिणम्‌।  यमाश्रितो हि वक्रोडपि चन्द्र: सर्वत्र वन्द्यते॥ ३॥ व्न्दे्‌ विशुद्धविज्ञानौ कवीश्वरकपी श्वरौ ॥  सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ । व्न्दे्‌ विशुद्धविज्ञानौ कवीश्वरकपी श्वरौ ॥4 ॥ उद्धवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्‌।  सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतो5हं रामवल्लभाम्‌॥ ५॥ सर्वश्रेयश्चरिं सीतां नतोऽहं रामवल्लभम्॥ 5॥ यन्मयाश्वैर्ति विश्वमखिलं ब्रह्माधिदेवासुर। यन्मायावशवरत्ति विश्वमखिलं ब्रह्म...

।।संपूर्ण सुंदरकांड पाठ।।

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                                                  ॥ श्रीपरमात्मने नमः ॥       प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन।      जासु हदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ किष्किन्धाकाण्ड (दोहा २९) बलि बाँधत प्रभु बाढ़ेउ सो तनु बरनि न जाइ।  उभय घरी महँ दीन्हीं सात प्रदच्छिन धाइ॥  अंगद कहइ जाउँ मैं पारा।  जियँ संसय कछु फिरती बारा॥  जामवंत कह तुम्ह सब लायक।  पठइअ किमि सब ही कर नायक ॥ १ ॥ कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥  पवन तनय बल पवन समाना।  बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥२॥ कवन सो काज कठिन जग माहीं।  जो नहि होइ तात तुम्ह पाहीं॥  राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥ ३॥ कनक बरन तन ते...